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Friday 17 June 2016

Sugarcane(गनना) farming(खेती).....

Kiase Kare Ganne ki Unnat Kheti – गन्ने की खेती Agar aap bhi Ganne ki vaigyanik kheti karne ki soch rahe hai to niche diye gaye jankari se aap adhik se adhik munafa kama sakte hain. गन्ने की खेती को अगर कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताए गए तकनीको से की जाये तो किसानो को बहुत हीं कम लागत में अच्छा benefit हो सकता है । भारत सरकार समय समय पर गन्ने की फसल की दाम निर्धारित करती रहती है जिससे किसानो को उचित दाम मिल सके | आइये जानते है की गन्ने की खेती में अच्छे पैदावार के लिए कैसे की भूमि की तैयारी करे, किस तरह की जलवायु होनी चाहिए, खाद कब और कितना देना चाहिए आदि । Ganne ki Kheti Kaise Kare / How to do Sugarcane Harvesting Agar aapke pass 1 acre ya usse adhik jamin ho to aap Ganne ki kheti kar ke accha munafa kama sakte hain. Ganne ko lagana aasan hai aur return bhi accha milta hai. To chaliye jante hai ganne kay kheti ki jankari taki aap accha se kheti kar ke accha kama sake: भूमि चयन व तैयारी / Preparation of Land कृषि वैज्ञानिको द्वारा गन्ने की खेती के लिए गहरी दोमट भूमि सबसे best मानी जाती है। भूमि की जुताई 40 से 60cm तक गहरी करनी चाहिए क्योंकि 75% जड़े इसी गहराई पर पाई जाती है । खेती शुरु करने से पहले भूमि की जुताई कर उसे भुरभुरा बना लें फिर उसपर पाटा चला कर उसे समतल बना लें । गन्ने की खेती के लिए खेत को खरपतवार से दूर रखना जरुरी है । खेत की आखिरी जुताई करने से पूर्व 10-12 ton प्रति एकड़ गाय की सड़ी हुई गोबर की खाद को भूमि में मिला देना चाहिए । जलवायु और बुआई का समय गन्ने की अच्छी बढ़ोतरी के लिए लम्बे समय तक गर्म और नम मौसम साथ हीं अधिक बारिश का होना best होता है । गन्ने की बुआई के लिए temperature 25 से 30 डिग्री से. होना चाहिए । October से November का महिना गन्ना लगाने का सबसे सही समय होता है । इसके अलावा February से march में भी गन्ने की खेती की जा सकती है । गन्ना 20 से 25 डिग्री से. तापमान पर अच्छा पनपता है । खाद प्रबंधन / Fertilizer Management गन्ने की अधिक उत्पादन के लिए प्रति hectare 300kg नत्रजन(nitrogen), 80kg स्फूर (Phosphorus) और 60kg पोटाश (potash) की अव्यश्कता होती है । नत्रजन को तीन बराबर भागो में मतलब प्रतेक भाग में 100kg अंकुरण के वक्त या फिर बुआई के 30 दिन , 90 दिन और 120 दिन के बाद खेत में डाल देना चाहिए और फिर फसल पर मिट्टी चढ़ा देना चाहिए । स्फूर (Phosphorus) और पोटाश (potash) की पूरी मात्रा गन्ना लगाते समय हीं खेत में दे देनी चाहिए । सिंचाई / जल प्रबंधन / Water Management गन्ने की खेती में गर्मी के दिन में 10 दिन और ठंड के दिन में 20 दिन के Interval पर खेत की सिंचाई करनी चाहिए। फवाड़ा विधि से सिंचाई करने पर उपज में वृद्धि होती है साथ ही पानी की बचत भी होती है। गन्ने की फसल को लगाने के 10 से 15 दिनों के बाद खेत में बनी पपड़ी तोड़ना बहुत अव्यश्क होता है इससे अंकुरण जल्दी होता है ओर खरपतवार भी कम आते है। गन्ने की फसल को गिरने से बचाने के लिए गुड़ाई कर के 2 बार फसल पर मिट्टी डाल देना चाहिए और गन्ने की पत्तियों को आपस में बांध देना चाहिए । रोग व किट नियंत्रण / Preventation from Kits & Flies गन्ने के बीज को नम गर्म हवा से उपचारित करने पर वे रोग रहित हो जाते है । फसल को रोगों से बचाने के लिए 600g डायथेम एम. 45 को 250 लीटर पानी के घोल में 5 से 10 मिनट तक डुबाना चाहिए। रस चुसने वाले कीड़ो का प्रकोप गन्नो पर ज्यादा होता है इसलिए इस घोल में 500ml मिलेथियान भी मिलाया जाना चाहिए । गन्ने के टुकड़ो को लगाने से पहले मिट्टी के तेल और कोलतार के घोल में दोनों सिरो को डूबा कर उपचारित करने से दीमक का प्रकोप कम हो जाता है । Related posts:

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